महेश्वर की क्या है कहानी – इतिहास, संस्कृति और रहस्य

महेश्वर, मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में स्थित एक ऐतिहासिक नगरी है

अहिल्याबाई किला नर्मदा घाट राजराजेश्वर मंदिर

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

यह शहर न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से भी अत्यंत समृद्ध है।

जिसे नर्मदा नदी के तट पर बसा हुआ माना जाता है।

अहिल्याबाई होलकर और महेश्वर

महेश्वर, जिसे गुप्त काशी भी कहा जाता है, भगवान शिव के मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। 

यहाँ कई प्रमुख शिव मंदिर हैं, जिनमें श्री राजराजेश्वर महादेव, काशी विश्वनाथ, अहिल्येश्वर महादेव, ज्वालेश्वर महादेव, बाणेश्वर महादेव, कालेश्वर महादेव और सप्तमातृका शामिल हैं। 

महेश्वर को लोकप्रियता तब मिली जब मराठा रानी अहिल्याबाई होलकर ने इसे अपनी राजधानी बनाया। उन्होंने यहां कई मंदिर, घाट और महलों का निर्माण करवाया।

नर्मदा नदी का धार्मिक महत्व

नर्मदा नदी को भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक माना जाता है। महेश्वर में इसका विशेष स्थान है, जहाँ लोग स्नान कर पुण्य अर्जित करने आते हैं।

अहिल्याबाई किला नर्मदा घाट राजराजेश्वर 

 

 

 

 

 

 

http://maheshwar.in/maheshwar-ke-mandir

महेश्वरी साड़ी की पहचान

महेश्वर सिर्फ मंदिरों और घाटों के लिए नहीं, बल्कि महेश्वरी साड़ियों के लिए भी प्रसिद्ध है। यह बुनाई कला यहां की महिलाओं का गौरव है।

महेश्वर की पौराणिक मान्यताएं

कहा जाता है कि महेश्वर का नाम भगवान शिव (महेश) के नाम पर पड़ा। यह स्थान प्राचीन काल से तपस्या और ध्यान का केंद्र रहा है।

महेश्वर कैसे पहुँचे और घूमने की जगहे

नजदीकी एयरपोर्ट: इंदौर रेलवे

स्टेशन: खंडवा

https://www.mptourism.com/accomodation.php?destination=Maheshwar

घूमने की जगहें

अहिल्याबाई किला नर्मदा घाट राजराजेश्वर

महेश्वर की क्या है कहानी यह जानने पर हमें इसका गहन ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक पक्ष देखने को मिलता है।

यह न सिर्फ एक धार्मिक स्थल है बल्कि एक जीवंत विरासत है जो आज भी लोगों को आकर्षित करती है

http://maheshwar.in/temples-in-maheshwar