सावन सोमवार व्रत का महत्व: महिलाओं और पुरुष के लिए व्रत का महत्व

सावन सोमवार व्रत

सावन का सोमवार व्रत का महत्व : भक्ति और तप का पर्व

सावन सोमवार व्रत का महीना हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास कहलाता है,

जो भगवान शिव को समर्पित होता है।

यह महीना जुलाई-अगस्त के बीच आता है और इसमें श्रद्धालु विशेष रूप से उपवास, पूजा-पाठ और व्रत रखते हैं। खासकर सोमवार को शिव उपासना का विशेष महत्व होता है।

सोमवार व्रत का महत्व सावन व्रत का पौराणिक महत्व

सोमवार व्रत का महत्व सावन व्रत का पौराणिक महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय भगवान शिव ने हलाहल विष पिया था, जिससे उनका शरीर तपने लगा।

देवताओं और ऋषियों ने श्रावण मास में जलाभिषेक कर उनकी पीड़ा को शांत किया।

तभी से सावन में शिव जी की विशेष पूजा की परंपरा शुरू हुई।

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।

  2. व्रतधारी पूरे दिन फलाहार पर रहते हैं (फ्रूट्स, साबूदाना, दूध)।

  3. शाम को भगवान शिव की पूजा करें — बेलपत्र, गंगाजल, दूध, दही, शहद से अभिषेक करें।

  4. “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।

  5. रात्रि को शिव कथा या शिव चालीसा का पाठ करें।

  6. ब्रह्मचर्य का पालन करें और क्रोध से बचें।

सावन सोमवार व्रत का विशेष महत्व

सावन में हर सोमवार को ‘सावन सोमवार व्रत’ रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से कन्याओं को योग्य वर प्राप्त होता है

और विवाहित स्त्रियों का वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।
भक्तगण 16 सोमवार का व्रत भी इसी मास से शुरू करते हैं।


महिलाओं के लिए सावन व्रत का महत्व

कई स्थानों पर महिलाएं मंगलवार और शुक्रवार को भी व्रत करती हैं। ये व्रत सुहाग की रक्षा, संतान सुख और पारिवारिक सुख-शांति के लिए किया जाता है।

आध्यात्मिक और वैज्ञानिक लाभ

  • व्रत से पाचनतंत्र को आराम मिलता है।

  • मानसिक एकाग्रता बढ़ती है।

  • सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

  • शिव की आराधना से मन को शांति मिलती है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs):

Q1. सावन व्रत कब से शुरू होता है?
A. श्रावण मास के पहले सोमवार से शुरू होता है। 2025 में यह [तारीख अनुसार अपडेट करें] से प्रारंभ हो रहा है।

Q2. क्या पुरुष भी सावन व्रत रख सकते हैं?
A. हाँ, स्त्री-पुरुष दोनों व्रत रख सकते हैं।

Q3. व्रत के दौरान क्या खा सकते हैं?
A. फल, दूध, साबूदाना, सेंधा नमक वाला भोजन आदि।

सावन व्रत केवल धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि एक आंतरिक साधना है, जो व्यक्ति को तन, मन और आत्मा से शुद्ध करती है।

यह व्रत शिवभक्ति को गहरा करने के साथ जीवन में शुभता और सकारात्मकता लाता है।

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