ईरान ने रातों-रात इज़राइल पर मिसाइल हमला किया: जानिए पूरी खबर
तारीख: 16 जून, 2025
एक बड़े भू-राजनीतिक घटनाक्रम में, ईरान ने बीती रात इज़राइल पर जबरदस्त मिसाइल और ड्रोन हमला किया। यह हमला तेल अवीव, हाइफ़ा और पेटाह टिकवा जैसे प्रमुख शहरों को निशाना बनाते हुए किया गया। आइए जानते हैं इस हमले के पीछे की वजहें, परिणाम और इसका वैश्विक प्रभाव।
क्या हुआ बीती रात?
15-16 जून 2025 की रात को ईरान ने एक बड़े हमले की शुरुआत की। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, मिसाइलों ने तेल अवीव और हाइफ़ा को निशाना बनाया, जिससे कम से कम 3 लोगों की मौत और दर्जनों घायल हुए। पेटाह टिकवा में एक मिसाइल इमारत से टकराई, जिसमें 10 वर्षीय बालक सहित 48 लोग घायल हुए।
ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इस हमले को एक नई रणनीति के तहत अंजाम दिया, जिसका उद्देश्य इज़राइल के एयर डिफेंस सिस्टम को भ्रमित करना था।
इज़राइल की प्रतिक्रिया और जवाबी हमला
इज़राइल के मल्टी-लेयर एयर डिफेंस सिस्टम जैसे आयरन डोम, डेविड स्लिंग और एरो सिस्टम ने अधिकांश मिसाइलों को इंटरसेप्ट किया। इसके बावजूद कुछ मिसाइलें इज़राइली सीमा में घुस गईं और जानमाल की हानि हुई।
इसके जवाब में, इज़राइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की। मशहद में ईरान के एक फ्यूलिंग जेट को भी निशाना बनाया गया। यह घटना दोनों देशों के बीच पिछले तीन दिनों से जारी संघर्ष का हिस्सा है।
मानवीय क्षति
- इज़राइल: अब तक 14 लोगों की मौत और सैकड़ों घायल।
- ईरान: इज़राइल के जवाबी हमले में 224 से अधिक मौतें और 1200 से अधिक लोग घायल।
इज़राइल की मेडिकल एजेंसियों जैसे मागेन डेविड एडोम ने मानसिक आघात और चोटों का इलाज किया।
हथियार और रणनीति
ईरान की रणनीति
- सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन का उपयोग।
- “हाज कासिम” नाम की नई गाइडेड मिसाइल का प्रयोग।
- इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर तकनीक से इज़राइल के सिस्टम को भ्रमित करना।
इज़राइल की रणनीति
- ऑपरेशन राइजिंग लायन शुरू किया गया।
- ईरान के नतान्ज न्यूक्लियर फैसिलिटी सहित 100 से अधिक ठिकानों पर हमला।
- मॉसाद की जानकारी के आधार पर एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया गया।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- अमेरिका: पहले तटस्थ रहा, लेकिन अब पैट्रियट और THAAD सिस्टम से इज़राइल की सहायता कर रहा है।
- ब्रिटेन: यात्रा पर रोक, साइप्रस में लड़ाकू विमान तैनात किए।
- G7 देश: इज़राइल के आत्म-रक्षा के अधिकार का समर्थन, लेकिन कूटनीतिक हल की अपील।
- तेहरान की स्थिति: बातचीत के प्रयासों को अस्वीकार, लेकिन कुछ नेताओं ने नरम संकेत दिए।
तेल की कीमतों में उछाल देखा गया, जिससे वैश्विक आर्थिक चिंता बढ़ गई।
🎯 क्यों है यह हमला महत्वपूर्ण?
- इतिहास का सबसे बड़ा हमला: दशकों में सबसे बड़ा ईरान-इज़राइल संघर्ष।
- न्यूक्लियर खतरा: न्यूक्लियर ठिकानों पर हमले से तनाव चरम पर।
- अमेरिकी भागीदारी: अमेरिका के जुड़ने से वैश्विक संघर्ष की संभावना बढ़ी।
- क्षेत्रीय प्रभाव: हौथी और हिज़्बुल्लाह के सक्रिय होने से बड़े युद्ध की आशंका।
आगे क्या?
- संघर्ष जारी: ईरान ने और हमले की चेतावनी दी है।
- कूटनीति की कोशिश: G7 और UN की शांति प्रयास जारी।
- वैश्विक बाजार: तेल और शेयर बाजारों पर असर जारी रहेगा।
🔑 सारांश
ईरान और इज़राइल के बीच हालिया हमला न केवल दो देशों के बीच तनाव को दिखाता है, बल्कि पूरे क्षेत्र में संभावित युद्ध की आशंका को जन्म देता है। यह संघर्ष अब वैश्विक शक्तियों की प्रतिक्रिया और कूटनीतिक प्रयासों पर निर्भर करेगा कि यह तनाव और बढ़ता है या शांति की ओर बढ़ता है।
बाहरी लिंक:
- वैश्विक बाजार: तेल और शेयर बाजारों पर असर जारी रहेगा।
🔗 बाहरी लिंक:
– Al Jazeera लाइव अपडेट्स: https://www.aljazeera.com/news/live/israel-iran-conflict
– Reuters रिपोर्ट: https://www.reuters.com/world/middle-east/iran-launches-missiles-israel-2025-06-16/
– AP News रिपोर्ट: https://apnews.com/article/israel-iran-missile-attack-june-2025