पूरी दुनिया पर मंडरा रहा है जंग का साया – ईरान बनाम इज़राइल LIVE अपडेट्स
आज की दुनिया में अगर कोई सबसे बड़ा सवाल उठता है तो वह यही है —
क्या तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है और इस सवाल के पीछे हालिया वजह बनी है –
ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ता हुआ सैन्य तनाव। क्या यह क्षेत्रीय संघर्ष वैश्विक स्तर पर तबाही ला सकता है? आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं।
ईरान और इज़राइल: पुराना संघर्ष नई ऊँचाई पर
ईरान और इज़राइल के बीच दशकों पुराना टकराव अब हथियारों, मिसाइलों और हवाई हमलों तक पहुँच चुका है। 2024 के अंतिम महीनों में जब इज़राइल ने गाजा पर हमले तेज किए, तब ईरान समर्थित समूहों ने कई बार चेतावनी दी कि अगर यह युद्ध नहीं रुका तो वो भी शामिल होंगे। 2025 की शुरुआत में जब ईरान ने सीधा सैन्य हस्तक्षेप किया, तब से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं।
प्रमुख कारण जो विश्व युद्ध की आशंका को जन्म देते हैं:
1. ईरान की क्षेत्रीय भूमिका:
ईरान ना केवल एक देश है, बल्कि एक क्षेत्रीय शक्ति भी है जो यमन, इराक, सीरिया और लेबनान में कई कट्टरपंथी संगठनों को समर्थन देता है। यह समर्थन अगर खुलकर युद्ध में तब्दील होता है तो अमेरिका, रूस, और अन्य ताकतवर देशों की एंट्री तय है।
2. इज़राइल की सैन्य नीति:
इज़राइल का रक्षा मंत्र ‘पहले मारो’ की नीति पर चलता है। अगर उसे ईरान से कोई बड़ा खतरा महसूस होता है, तो वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। यह कदम सीधे-सीधे वैश्विक युद्ध का कारण बन सकता है।
3. अमेरिका का दखल:
अमेरिका पहले ही इज़राइल का प्रमुख सहयोगी है और उसने चेतावनी दी है कि अगर ईरान ने आक्रमण जारी रखा तो वह सैन्य कार्यवाही करेगा। वहीं रूस और चीन ने ईरान का समर्थन किया है। यह स्थिति वैश्विक ध्रुवीकरण की ओर इशारा करती है।
क्या यह सिर्फ मध्य-पूर्व का मुद्दा है?
नहीं। यह संघर्ष भले ही मध्य-पूर्व में शुरू हुआ हो, लेकिन इसका प्रभाव यूरोप, एशिया, और यहां तक कि भारत और अमेरिका पर भी पड़ सकता है। कच्चे तेल की कीमतें बढ़ चुकी हैं, शेयर बाजार डगमगा रहे हैं और वैश्विक व्यापार पर संकट मंडरा रहा है। world war 3 planing
भारत पर असर:
तेल की कीमतों में बढ़ोतरी:
भारत अपनी ज़रूरत का 80% कच्चा तेल आयात करता है। अगर युद्ध लंबा चला तो पेट्रोल-डीजल की कीमत ₹150 तक जा सकती है।विदेशों में रहने वाले भारतीय:
ईरान, यूएई और इज़राइल में लाखों भारतीय काम करते हैं। युद्ध के हालात में उनकी सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन सकती है।व्यापार और निवेश:
बाज़ारों में गिरावट और निवेशकों की अनिश्चितता भारत की आर्थिक वृद्धि को प्रभावित कर सकती है।
क्या होगा अगर विश्व युद्ध होता है?
अगर तीसरा विश्व युद्ध होता है तो वह पारंपरिक हथियारों से नहीं, बल्कि:
साइबर अटैक
परमाणु हथियार
ड्रोन वॉर
स्पेस वॉरफेयर
जैसी तकनीकों से लड़ा जाएगा। इसका मतलब होगा – कम समय में ज़्यादा तबाही।
क्या अब भी उम्मीद है?
हाँ। अब भी कूटनीति, संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक संधियों के माध्यम से हालात को काबू में किया जा सकता है। कई देश पहले ही शांति वार्ता का समर्थन कर चुके हैं, लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि ईरान और इज़राइल दोनों ही पीछे हटें।
विश्व युद्ध कोई दूर की बात नहीं है, बल्कि एक ऐसा खतरा है जो हमारे दरवाज़े पर खड़ा है। ईरान और इज़राइल का यह संघर्ष अगर नहीं रुका तो वह पूरी दुनिया को अपने आगोश में ले सकता है। ऐसे समय में आम जनता, सरकार और वैश्विक संस्थाओं को मिलकर शांति की कोशिश करनी चाहिए।
https://www.bbc.com/news/world/middle_east
Al Jazeera – Iran and Israel News
https://www.aljazeera.com/tag/iran-israel-tensions/The Guardian – Global Conflicts
https://www.theguardian.com/world/conflictUnited Nations – Peace and Security Updates
https://www.un.org/en/peace-and-securityTimes of India – Iran-Israel War News (Hindi)
https://navbharattimes.indiatimes.com/worldCouncil on Foreign Relations – Analysis on Iran-Israel
https://www.cfr.org/middle-east-and-north-africa/iran